एनवीडिया की बिकवाली से $500 बिलियन की हानि, एआई स्टॉक के भविष्य पर उठे सवाल

एनवीडिया की बिकवाली से $500 बिलियन की हानि, एआई स्टॉक के भविष्य पर उठे सवाल जून, 26 2024

एनवीडिया की बिकवाली से $500 बिलियन की हानि

एनवीडिया, जो विश्व की अग्रणी एआई चिप कंपनी है, ने हाल ही में एक अप्रत्याशित बिकवाली का सामना किया, जिसके परिणामस्वरूप तीन दिनों में $500 बिलियन की मूल्य हानि हुई। यह घटना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब हम देखते हैं कि कंपनी ने एक सप्ताह पहले ही विश्व की सबसे बड़ी कंपनी का टाइटल हासिल किया था। बाजार में इस सुधार ने एआई स्टॉक की स्थिरता को लेकर गंभीर चिंताएं उठाई हैं।

स्टॉक की गिरावट और उसके प्रभाव

एनवीडिया का स्टॉक पिछले तीन दिनों में 13% गिर गया है। यह गिरावट तब और अहम हो गई जब वाल स्ट्रीट पर 6.68% की गिरावट देखी गई। ब्रॉडर इंडेक्स जैसे NASDAQ और S&P पर भी इस गिरावट का असर पड़ा है। पिछले साल में लगभग तीन गुना बढ़ने और 2024 में 140% की वृद्धि के बावजूद, एनवीडिया के स्टॉक के मूल्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

अन्य सेक्टरों की ओर रुचि

वित्तीय तिमाही के अंत के साथ, निवेशक अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करने और मुनाफा सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस अंतराल में, उनका ध्यान एनवीडिया जैसे टेक स्टॉक्स से हटकर अन्य सेक्टरों की ओर बढ़ सकता है। इस प्रकार की अंतरण प्रक्रिया ने भी हालिया गिरावट में भूमिका निभाई है।

सीईओ की भूमिका और निवेशकों की चिंताएं

कंपनी के सीईओ जेनसन हुआंग द्वारा स्टॉक की बिक्री ने भी मूल्यांकन को लेकर असमंजस उत्पन्न किया है। निवेशकों का मानना है कि शायद कंपनी का मौजूदा मूल्यांकन थोड़ा अधिक हो गया है और यह समय मुनाफा लेने का सही मौका हो सकता है। बाजार विशेषज्ञ इस स्टॉक की गतिविधियों पर गहरी नजर रख रहे हैं, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि समर्थ स्तर कहाँ पर मिलता है।

लंबी अवधि की दृष्टिकोण

भले ही एनवीडिया की हालिया गिरावट चिंताजनक हो, लेकिन बाजार विश्लेषक इसकी दीर्घकालिक संभावना को मजबूत मानते हैं। पिछले एक साल में स्टॉक ने जो वृद्धि देखी है, वह इसकी भविष्य की प्रगति की ओर गवाही देती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विकसित होते परिदृश्य में बाज़ार कैसे प्रतिक्रिया करता है, और क्या एनवीडिया अपनी लंबी अवधि की संभावनाओं को सही ठहराती है या नहीं।

कुल मिलाकर, एनवीडिया की हाल की बिकवाली ने निवेशकों और विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। बाजार की निगाहें अब इस पर टिक गई हैं कि अगला कदम क्या होगा और यह मूल्य गिरावट दीर्घकालिक नजरिए से क्या संकेत देती है। बाजार सुधार के इस चुनौतीपूर्ण समय में, सतर्कता और धैर्य ही निवेशकों के लिए सर्वोत्तम रणनीति होगी।