चक्रवात रेमल: पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में हाई अलर्ट, 26 मई को तट पर टकराने की संभावना

चक्रवात रेमल: पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में हाई अलर्ट, 26 मई को तट पर टकराने की संभावना मई, 24 2024

चक्रवात रेमल: पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में हाई अलर्ट

भारत मौसम विभाग (IMD) ने घोषणा की है कि बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा गंभीर चक्रवाती तूफान रेमल 26 मई को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकरा सकता है। यह चेतावनी क्षेत्र में रह रहे लोगों और प्रशासनों को तैयारियों के लिए दी गई है। चक्रवात रेमल के संभावित तटीय इलाकों में पहुंचते ही भारी बारिश और तीव्र हवाओं का सामना करना पड़ सकता है।

तैयारियों की स्थिति

मौसम विभाग ने 26 एवं 27 मई को दक्षिण मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई है। इस दौरान अधिकतम गति वाली हवाएं और खतरनाक समुद्री हालात देखने को मिल सकते हैं। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 27 मई तक बंगाल की खाड़ी में न जाएं।

चक्रवात रेमल के मद्देनजर, निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान के लिए तैयारी कर रहे जिलों के प्रशासन को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 25 मई को मतदान हो रहा है और चक्रवात का प्रभाव मतदान पर पड़ सकता है।

चक्रवात का संभावित प्रभाव

तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है जिससे बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। निचले इलाकों में जल जमाव और फसलों को नुकसान होने की भी संभावना है। इसके अतिरिक्त, तीव्र हवाओं के कारण पेड़ उखड़ने, बिजली के खंभे गिरने और घरों को नुकसान पहुंचने का भी खतरा है।

प्रशासन को निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए राज्य और केंद्रीय एजेंसियों को तैनात किया गया है। विभिन्न इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात की जा रही हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सभी जरूरी सावधानियों के साथ प्रशासन तैयार है और लोगों से अनुरोध किया गया है कि उन्हें जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें।

क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

मौसम विभाग ने लोगों को उथली जमीन, नदी किनारे और समुद्र तट से दूर रहने की सलाह दी है। तूफान के समय घर से बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है। जो लोग मालनियों में रहते हैं, उन्हें ऊँचे स्थानों पर शरण लेने का सुझाव दिया गया है।

चक्रवात के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है, इसलिए बैटरी चालित उपकरणों और आवश्यक वस्तुओं की अग्रिम में व्यवस्था कर लेना बुद्धिमानी होगी। प्रशासन ने अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और रेडियो एवं टेलीविज़न पर प्रसारित हो रहे अपडेट्स पर नजर रखने का आग्रह किया है।

गंभीर चक्रवात रेमल के पहुंचने से पहले और उसके दौरान पूरी सतर्कता बरतना आवश्यक है। इससे संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। इसलिए, IMD की चेतावनियों और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अपने आप को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।

14 टिप्पणि

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    Priyanjit Ghosh

    मई 26, 2024 AT 09:21
    ये चक्रवात तो बस एक बार आएगा और फिर भारत की ताकत दिख जाएगी 😎 बारिश होगी, बिजली जाएगी, लेकिन हमारे लोग अभी भी घर पर चाय पीते रहेंगे। प्रशासन तो तैयार है... बस लोगों को भी तैयार होना होगा। #RemalCyclone #IndiaStrong
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    Anuj Tripathi

    मई 26, 2024 AT 20:29
    यार ये तो हर साल का ही खेल है ना चक्रवात आएगा फिर बारिश होगी फिर बाढ़ आएगी फिर एनडीआरएफ आएगा फिर सब फोटो खींचेंगे फिर सब भूल जाएंगे और अगले साल फिर वही चक्रवात आएगा
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    Hiru Samanto

    मई 27, 2024 AT 11:24
    मैं ओडिशा से हूँ और हमारे यहाँ तो चक्रवात के बाद घर बनाने का काम शुरू हो जाता है... लेकिन अगले साल फिर वही चीज़। कभी-कभी लगता है कि हम बस बचने के लिए जी रहे हैं ना कि जीवन जी रहे हैं। किसी को ये समझ आए तो बताएं।
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    Divya Anish

    मई 28, 2024 AT 07:18
    मैं एक महिला हूँ जो तटीय क्षेत्र में रहती हूँ। हमारे घर का छत तो पिछले चक्रवात में उड़ गया था। अब हम एक छोटे से अस्थायी शिविर में रह रहे हैं। मैं चाहती हूँ कि सरकार सिर्फ चेतावनी न दे, बल्कि अस्थायी आश्रय, पानी, और खाने की व्यवस्था भी करे। हम लोग बस जीवित रहना चाहते हैं। कृपया इसे समझें।
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    md najmuddin

    मई 29, 2024 AT 05:59
    बस एक बात कहूँ... जब तक हम अपने बारिश के बाद के निर्माण को नहीं सुधारेंगे, तब तक ये चक्रवात आएंगे और फिर भी वही तबाही 😔 अपने घर का छत ठीक करो, बिजली के खंभे ऊंचे करो, और बाढ़ के लिए ड्रेनेज सुधारो। बस इतना ही। #StaySafe #CycloneRemal
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    Ravi Gurung

    मई 31, 2024 AT 00:34
    मैंने देखा कि बांग्लादेश में तो इस तरह के चक्रवात के बाद बहुत तेजी से बचाव कार्य शुरू हो जाते हैं। हमारे यहाँ तो बस चेतावनी और फिर चुप्पी। क्या हम इतने धीमे हैं?
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    SANJAY SARKAR

    जून 1, 2024 AT 00:15
    क्या ये चक्रवात इतना खतरनाक है जितना कि बताया जा रहा है? क्या ये बस डराने के लिए है?
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    Ankit gurawaria

    जून 2, 2024 AT 10:29
    मैं तो ये बात समझ नहीं पा रहा कि हम लोग इतने बड़े देश होने के बावजूद अभी तक चक्रवात के लिए इतना अप्रभावी हैं। हमारे पास टेक्नोलॉजी है, डेटा है, सुपरकंप्यूटर हैं, लेकिन फिर भी बारिश के बाद घर गिर जाते हैं, बिजली के खंभे गिर जाते हैं, और लोग मर जाते हैं। क्या हमारी शिक्षा प्रणाली इतनी खराब है कि इतने सालों बाद भी हम बुनियादी चीज़ों को नहीं समझ पा रहे? क्या हमें इतना भी नहीं पता कि तटीय क्षेत्रों में बाढ़ के लिए बेहतर निर्माण तकनीक और भूमि उपयोग की योजना बनानी चाहिए? हम बस एक चेतावनी जारी कर देते हैं और फिर उम्मीद करते हैं कि कोई भी बच जाएगा। ये तो बस अनुत्तरित दायित्व है। हमें अपने निर्माण नियमों को अपडेट करना होगा, निवासी बस्तियों को ऊंचे स्थानों पर ले जाना होगा, और निर्माण लाइसेंस के लिए जोखिम आधारित नियम लागू करने होंगे। नहीं तो हर साल ये चक्रवात आएगा और हम फिर से वही चेतावनी देंगे। इस बार तो बस बचाव के लिए नहीं, बल्कि रोकथाम के लिए भी तैयार हो जाएं।
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    AnKur SinGh

    जून 4, 2024 AT 02:19
    चक्रवात रेमल के बारे में बहुत सारे लोग डर रहे हैं, लेकिन वास्तविक चुनौती तो उसके बाद की है। हमारे देश में तटीय निर्माण के लिए कोई व्यवस्थित नीति नहीं है। हमारे यहाँ जब तक तबाही नहीं होती, तब तक कोई कार्रवाई नहीं होती। हमें न केवल चेतावनी देनी है, बल्कि निर्माण के मानकों को बदलना है। हमारे यहाँ बाढ़ के बाद घर बनाने के लिए भी बिना नियमों के बनाया जाता है। यही वास्तविक समस्या है। हमें वैज्ञानिक आधार पर निर्माण करना सीखना होगा। अगर ये चक्रवात आएगा, तो यह एक निमंत्रण है कि हम अपनी नीतियों को बदलें। अन्यथा, अगला चक्रवात भी आएगा। और फिर भी हम वही चेतावनी देंगे।
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    Sanjay Gupta

    जून 5, 2024 AT 19:54
    हमारे देश की सरकारें तो बस चेतावनी देती हैं और फिर भूल जाती हैं। अगर ये चक्रवात बांग्लादेश में आता तो उनकी सरकार तुरंत ट्रेनें रोक देती, अस्पताल तैयार करती, और लोगों को बचाती। हमारे यहाँ तो बस एक बयान जारी कर देते हैं और फिर चुपचाप बैठ जाते हैं। हमारी लोकतंत्र की असली परीक्षा यही है। क्या हम अपने लोगों की जान बचाने के लिए तैयार हैं या बस फोटो खींचने के लिए?
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    Kunal Mishra

    जून 7, 2024 AT 09:49
    चक्रवात रेमल एक निश्चित रूप से भारत के प्रशासनिक असमर्थता का एक निर्मम प्रतिबिंब है। हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहाँ बारिश के बाद घर बनाने के लिए एक नियम भी नहीं है। हमारे नेता तो बस टीवी पर चेतावनी देते हैं और फिर एक शानदार फोटो शूट करते हैं। इसके बाद क्या? कोई नहीं जानता। हमारे यहाँ जब तक बाढ़ नहीं आती, तब तक कोई भी नीति नहीं बनती। यह एक विकास का अपराध है। हमारे देश की जनता इतनी असहाय है कि वह बस चेतावनी का इंतजार करती है। क्या हमें अपने निर्माण नियमों को बदलने की जरूरत नहीं है? क्या हमें अपने लोगों के लिए जिम्मेदार बनने की जरूरत नहीं है?
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    Anish Kashyap

    जून 8, 2024 AT 14:21
    ये तो हमारे देश की आदत है ना चेतावनी देना और फिर भूल जाना 😅 बारिश आएगी, बिजली जाएगी, लेकिन लोगों की जान बचेगी तो चलेगा। #RemalCyclone #IndiaStrong
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    Poonguntan Cibi J U

    जून 10, 2024 AT 03:46
    मैंने अपने दो बच्चों को इस चक्रवात के बारे में समझाने की कोशिश की... उन्होंने पूछा, 'पापा, क्या हम इस बार भी घर खो देंगे?'... मैं रो पड़ा। हम लोग इतने लंबे समय तक इस तरह जी रहे हैं कि अब बच्चे भी समझ गए हैं कि ये बारिश आएगी और फिर घर गिर जाएगा। हम बस इंतजार कर रहे हैं कि कोई हमें बचाए। क्या हमारी जिंदगी इतनी ही है?
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    Vallabh Reddy

    जून 11, 2024 AT 04:27
    इस चक्रवात के लिए आधिकारिक चेतावनी का प्रकाशन आवश्यक था, लेकिन इसके साथ ही एक स्थायी नीति का निर्माण भी आवश्यक है। तटीय क्षेत्रों में निर्माण के लिए भू-वैज्ञानिक अध्ययन और नियमित निरीक्षण अत्यावश्यक हैं। हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन के कारण चक्रवातों की आवृत्ति बढ़ रही है। अतः, सामाजिक और आर्थिक निर्माण के लिए जलवायु अनुकूलन योजनाओं का अनुप्रयोग अत्यावश्यक है।

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